धरती पर भूकंप कैसे आता है? भूकंप के कारण और सुरक्षा के लिए क्या करें

दोस्तों आपने भी बहुत बार देखा या सुना होगा कि आपके एरिया में या फिर कहीं और भूकंप आ गया है और यदि भूकंप खतरनाक तरीके से आ जाए तो यह कुछ ही सेकंडों में बड़ी से बड़ी बिल्डिंग को भी गिरा देता है और इतना ही नहीं भूकंप की वजह से गिरी इन बिल्डिंगों की वजह से कई हजारों लोग दब कर अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं लेकिन हमारा सवाल यह है कि इन सब का कारण आखिर क्या है? अगर भूकंप हमारी धरती पर आता कैसे और क्यों आता है आखिर हमारी धरती के बीच में ऐसी कौन सी हलचल होती है जिसके कारण हमारी धरती पर भूकंप आता है?

पृथ्वी के अंदर की लेयर्स

दोस्तों हमारी धरती कई सारे लेयर से मिलकर बनी हुई है जिसमें धरती के सबसे अंदर वाले भाग को कोर (Core) कहा जाता है ओर धरती का यह भाग सबसे ज्यादा सॉलिड और सबसे ज्यादा गर्म होता है और साथ ही अर्थ के Inner Core का Temporature लगभग 5,434 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, और इसे ऊपर की लेयर होती हैं Outer Core और को जो की पृथ्वी के अंदर यह liquid form में मौजूद होता है, हालांकि इसका टेंप्रेचर भी पृथ्वी के अंदर काफी ज्यादा होता है | इसे ऊपर होती हैं मेंटल लेयर (mantle layer) और वह इससे ऊपर वाली होती है क्रस्ट लेयर (Crust Layer) पृथ्वी की बाहरी परत क्रस्ट (Crust layer) है। यह 0-60 किलोमीटर मोटी परत है। क्रस्ट एक ठोस चट्टान की परत है जिस पर हम रहते हैं। यह Crust भी दो तरह की होती हैं, इसके ऊपर वाले हिस्से को कहते है Continetal Crust और इसके निचले हिस्से को कहते है Ocean Crust यानी महासागरीय भूपर्पटी।

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भूकंप कैसे आता हैं ?

आप सब यह सोच रहे होंगे की आखिर भूकंप आता कैसे है (how does an earthquake happen) तो ये ज़मीन, जिसे हम क्रस्ट कह रहे हैं, एक टुकड़े में नहीं है, बल्कि ये कई टुकड़ों में बंटी हुई है और इन ही टुकड़ों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। जब ये टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, रगड़ खाती हैं या दूर जाती हैं, तो कंपन पैदा होता है, ज़मीन हिलती है तो इसे हम इसे भूकंप कहते हैं | यह भूकंप जहा पर उत्तपन हुआ होगा उसे हम सेंटर कहते है यानी उस जगह पर सबसे ज्यादा भूकंप आया होगा। जब भी एक दूसरे से दूर जाने पर ज़मीन खिंचती है, खिंचाव होता है और अगर खिंचाव बहुत ज़्यादा हो जाए तो ज़मीन में दरारें भी पड़ जाती हैं और अगर ये दरारें बहुत गहरी हों तो मेंटल से गर्म लावा इन दरारों से बाहर निकलने लगता है। जब ये टेक्टोनिक प्लेट्स ज़्यादा दबाव के साथ एक दूसरे के पास आती हैं और ऊपर की तरफ़ उठती हैं तो इससे पहाड़ भी बनते हैं। क्या आपको पता है कि भारत का ये हिस्सा और इसके आसपास का इलाका पहले यहाँ नहीं था, लेकिन ज़मीन का ये बड़ा टुकड़ा यहाँ आकर टकराया और उस टकराव की वजह से, हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ था। उस टकराव के बाद भी भारत अभी भी आगे बढ़ रहा है और हिमालय भी लगातार बढ़ रहा है।

how do earthquakes form

दुनिया में सर्वाधिक भूकंप संभावित क्षेत्र कौन से है?

पृथ्वी के भूभाग पर बहुत सारी टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे ज़्यादा भूकंप कहाँ आते हैं? इमेज में जो टेक्टोनिक प्लेट दिख रही है, इसे पैसिफिक प्लेट कहते हैं। सबसे ज़्यादा भूकंप इसी प्लेट के आस-पास आते हैं और साथ ही ज्वालामुखी विस्फोट भी यहीं होते हैं | इसीलिए इस क्षेत्र को “रिंग ऑफ़ फायर” (Ring of Fire) कहा जाता है। इसके अलावा नाज़्का प्लेट में भी भूकंप आने की बहुत ज़्यादा संभावना है। यूरेशियन प्लेट और इंडियन प्लेट में भी भूकंप आ सकता है। वैसे तो इन सभी प्लेटों में ख़तरा बना रहता है, लेकिन भूकंप का सबसे ज़्यादा ख़तरा इन बेल्ट्स पर होता है। अगर सबसे सुरक्षित भाग देखा जाय तो वह है अंटार्टिका (Antartica) क्यों की यहाँ सबसे काम भूकंप आते हैं |

भूकंप

भूकंप से बचने के उपाय

1-भूकंप आने से पहले क्या करें?

भूकंप की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पहले से कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए | जैसे की आपातकालीन किट तैयार करें, जिसमें जरूरी दवाइयां और महत्वपूर्ण टूल्स होने चाहिये। ड्रॉप, कवर और होल्ड की प्रशिक्षण होना चाहिए

2 – भूकंप के दौरान क्या करें?

भूकंप के समय घबराने से बचें और नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें:

1. घर या इमारत के अंदर हैं तो क्या करें?

ड्रॉप, कवर और होल्ड:

  • ड्रॉप (झुकें): तुरंत ज़मीन पर बैठ जाएं।
  • कवर (छुपें): किसी मज़बूत टेबल या बेड के नीचे चले जाएं।
  • होल्ड (मजबूती से पकड़ें): जब तक झटके बंद न हों, वहीं रहें।

दरवाज़ों के पास न खड़े हों:

  • ज़्यादातर दरवाज़े भूकंप के झटकों में कमजोर हो जाते हैं और गिर सकते हैं।
  • सुरक्षित स्थान पर ही रहें।

गैस और बिजली उपकरण बंद कर दें:

  • अगर संभव हो, तो गैस चूल्हा और बिजली उपकरणों को तुरंत बंद कर दें।
  • शॉर्ट सर्किट और आग लगने से बचाव होगा।

खिड़की और कांच से दूर रहें:

  • शीशे टूट सकते हैं और चोट लग सकती है।

3 –भूकंप के बाद क्या करें?

बिल्डिंग से बाहर निकलते समय ध्यान दें:

  • लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से उतरें।
  • अगर बिल्डिंग को नुकसान हुआ है, तो तुरंत बाहर निकलें।

गैस लीकेज और बिजली लाइन चेक करें:

  • गैस की गंध आए तो मुख्य वाल्व बंद कर दें।
  • बिजली की तारें गिरी हों तो उनसे दूर रहें।

आपातकालीन नंबर पर संपर्क करें:

  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन को सूचना दें।
  • घायल लोगों को प्राथमिक चिकित्सा दें।

अफवाहों पर विश्वास न करें:

किसी भी अफवाह से बचें और सरकार/प्रशासन की आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें।

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने जाना की भूकंप कैसे आते है(how do earthquakes form), टेक्टोनिक प्लेट के बारे में (tectonic plates and earthquakes) और भूकंप के दौरान आपने आप को कैसे बचाये (earthquake safety measures).

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